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अगस्त्य तारे का उदय और रहस्य

गुरुवार, 4 सितंबर को आकाश में अगस्त्य तारे का उदय हो रहा है। दक्षिण दिशा में दिखाई देने वाला यह तारा अपनी अनोखी चमक की वजह से विशेष माना जाता है। अगस्त्य तारा: दक्षिण दिशा का सबसे चमकीला तारा जनवरी से अप्रैल तक दक्षिण आकाश में जितने भी तारे दिखाई देते हैं, उनमें अगस्त्य (Canopus) […]

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अनंत चतुर्दशी व्रत 2025: महत्व, पूजा-विधि और कथा

सनातन धर्म में व्रत और त्योहार केवल परंपराएँ नहीं हैं, बल्कि जीवन को अनुशासन, श्रद्धा और ईश्वर-भक्ति से जोड़ने का माध्यम भी हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को आने वाली अनंत चतुर्दशी भी ऐसा ही एक व्रत है, जिसमें भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। अनंत चतुर्दशी व्रत

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वामन जयंती 4 सितम्बर 2025 – भगवान विष्णु के वामन अवतार की महिमा

हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु का वामन अवतार स्मरण किया जाता है। इस बार यह शुभ अवसर 4 सितम्बर 2025, गुरुवार को पड़ रहा है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने बौने ब्राह्मण वामन का रूप धारण करके दैत्यराज बलि को धर्म और भक्ति

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7 सितम्बर 2025 का खग्रास चन्द्रग्रहण – सम्पूर्ण भारत में अद्भुत दृश्य

साल 2025 के सितम्बर माह में आकाश एक अद्वितीय खगोलीय घटना का साक्षी बनेगा। 7 और 8 सितम्बर की मध्यरात्रि को खग्रास चन्द्रग्रहण पूरे भारत में साफ-साफ दिखाई देगा। ज्योतिष और धर्म-दर्शन की दृष्टि से यह ग्रहण अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं ग्रहण के समय, प्रभाव और धार्मिक महत्व

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पितृयज्ञ से मोक्ष तक: क्यों श्राद्ध कहलाता है श्रद्धा का रूप

भारत की परंपराओं में हर संस्कार का अपना महत्व है। गर्भाधान से लेकर अन्त्येष्टि तक के संस्कार सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं होते, बल्कि सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टि से भी गहरे अर्थ रखते हैं। जीवन के बाद भी आत्मा को अमर माना गया है, जबकि शरीर नश्वर है। मृत्यु के पश्चात आत्मा अपने कर्मों के अनुसार

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गणेश चतुर्थी व्रत: संपूर्ण विधि, कथा और महत्व

गणेश चतुर्थी का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व रखता है। यह सिर्फ भगवान गणेश की पूजा का अवसर नहीं है, बल्कि यह संकट निवारक, विघ्न हरण और सौभाग्य वृद्धि का भी दिव्य साधन माना गया है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे: 1. गणेश चतुर्थी व्रत का इतिहास और उद्गम गणेश चतुर्थी का जन्मोत्सव भगवान

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चतुर्थी व्रत क्यों है विशेष? जानिए इसका विज्ञान और महत्व

हिंदू धर्म में हर तिथि और वार का अपना विशेष महत्व माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक तिथि किसी न किसी देवता या ग्रह के प्रभाव में आती है। यही वजह है कि चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की उपासना का दिन माना गया है। तिथियों के अधिष्ठाता कौन हैं? पुराणों में तिथियों

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रुद्रयामल तंत्र में गणपति उपासना: सरल और शीघ्र साधना का मार्ग

हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी साधना जल्दी फल दे। कठिन साधना और लंबा समय किसी के बस की बात नहीं होती। ऐसे साधकों के लिए रुद्रयामल तंत्र में गणपति उपासना का सरल और शीघ्र सिद्धि देने वाला मार्ग बताया गया है। इसे अपनाकर व्यक्ति अपने मनोरथ को जल्दी पूरा कर सकता है। तंत्र शास्त्र

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श्वेतार्क गणपति : दुर्लभ और धन-संपन्नता देने वाली तांत्रिक शक्ति

श्वेतार्क पौधा – क्या है इसकी खासियत? नेपाल और हिमालय की तराई में एक छोटा-सा पौधा उगता है, जिसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। नेपाल में इसे “आकुरो”, राजस्थान में “आकड़ा” और संस्कृत में “अर्क” कहते हैं। इसके पत्ते हरे होते हैं और उस पर नीले रंग के छोटे फूल खिलते हैं, जिन्हें “अकडोडिया”

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शुभता और मंगल का प्रतीक – स्वस्तिक

भारतीय संस्कृति में स्वस्तिक का स्थान सर्वोच्च माना गया है। लगभग हर शुभ कार्य की शुरुआत स्वस्तिक बनाकर ही की जाती है ताकि जीवन में सुख, शांति और कल्याण की कामना की जा सके। प्रतीकों की परंपरा बहुत प्राचीन है और शोध करने पर पता चलता है कि इसका उद्गम मानव सभ्यता के प्रारंभिक दौर,

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